अर्थशास्त्र
(व्यष्टि अर्थशास्त्र)
अध्याय-2: उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धान्त
स्मरणीय बिन्दु
उपयोगिता की अवधारणा
उपयोगिता की विशेषताएँ
कुल उपयोगिता तथा सीमान्त उपयोगिता
कुल उपयोगिता और सीमान्त उपयोगिता में अंतर्संबंध
मात्रा (इकाइयाँ) | कुल उपयोगिता (TU) | सीमान्त उपयोगिता (MU) |
0 | 0 | - |
1 | 20 | 20 (20 - 0) 2 35 |
2 | 35 | 15 (35 – 15) |
3 | 45 | 10 (45 – 35) |
4 | 50 | 5 (50 – 45) |
5 | 50 | 0 (50 - 50) |
6 | 45 | -5 (45 – 50) |
7 | 35 | -10 (35 - 45) |
सीमान्त उपयोगिता
ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता का नियम
तालिका | |
आइसक्रीम की मात्रा | सीमान्त उपयोगिता |
1 | 10 |
2 | 8 |
3 | 6 |
4 | 4 |
5 | 2 |
6 | 0 |
7 | -2 |
8 | -4 |
उपभोक्ता संतुलन- एक वस्तु की स्थिति में
MUNpn=MUm
यहाँ MUm = मुद्रा की सीमांत उपयोगिता
MUn = वस्तु x की सीमांत उपयोगिता
Pn = वस्तु x का मूल्य
अर्थात् वस्तु की सीमान्त उपयोगिता = वस्तु की कीमत
⇒MUn घट रहा है।
मात्रा (इकाइयों में) | सीमान्त उपयोगिता | कीमत |
1 | 20 | 10 |
2 | 15 | 10 |
3 | 10 | 10 |
4 | 5 | 10 |
5 | 0 | 10 |
6 | -5 | 10 |
उपभोक्ता संतुलन दो वस्तुओं की स्थिति में
MUnPn=MUm …(i)
जहाँ MUn = वस्तु X की सीमान्त उपयोगिता
Pn = वस्तु X की कीमत
MUm = मुद्रा की सीमान्त उपयोगिता
MUyPy=MUm …(ii)
MUnPn=MUyPy=MUm
MUnतथा MUyघट रहे हों।
मान्यताएँ Pn= ₹ 2,Py = ₹ 2, MUm= 4 युटिल्स
मात्रा (इकाइयों में) | MUn
मात्रा (इकाइयों में) | MUn | MUy | MUnPn | MUyPy | MUm |
1 | 10 | 21 | 5 | 7 | 4 |
2 | 8 | 18 | 4 | 6 | 4 |
3 | 6 | 15 | 3 | 5 | 4 |
4 | 4 | 12 | 2 | 4 | 4 |
5 | 2 | 9 | 1 | 3 | 4 |
6 | 0 | 6 | 0 | 2 | 4 |
7 | -2 | 3 | -1 | 1 | 4 |
MUnPn=MUyPy=MUm=4
तटस्थता वक्र
अर्थः तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के ऐसे संयोजनों को दर्शाता है जिनसे उपभोक्ता को एक समान संतुष्टि प्राप्त होती है।
MRSxy = PxPy
[Px = वस्तु x का मूल्य Py = वस्तु y का मूल्य]
तटस्थता वक्र की विशेषताएँ या लक्षण
तटस्थता मानचित्र
तटस्थ वक्र विश्लेषण की मान्यताएँ
उपभोक्ता बंडल
उपभोक्ता बजट
उपभोक्ता का बजट उसकी वास्तविक आय का क्रय शक्ति को बताता है जिसके द्वारा वह दी हुई कीमत वाली वस्तुओं की निश्चित मात्रा खरीद सकता है।
अनधिमान वक्र
अनधिमान वक्र दो वस्तुओं के उन विभिन्न संयोगों को दर्शाता है, जो उपभोक्ता को समान स्तर की उपयोगिता अथवा संतुष्टि प्रदान करता है।
अनधिमान मानचित्र
तटस्था वक्रों (अनधिमान वक्रों) के समूह को अनधिमान मानचित्र कहते हैं।
अनधिमान वक्रों की विशेषताएँ
एक दिष्ट अधिमान
बजट रेखा
बजट समूह
बजट रेखा में परिवर्तन
बजट रेखा में समांतर खिसकाव (दाएँ से बाएँ) उपभोक्ता की आय में परिवर्तन तथा वस्तु के मूल्य में परिवर्तन के कर्ण होता है।
बजट रेखा का ढलान
बजट रेखा में सिखकाव
० वस्तु x की कीमत में परिवर्तन
० वस्तु y की कीमत में परिवर्तन
० आय में परिवर्तन
तटस्थता वक्र विश्लेषण का प्रयोग करके उपभोक्ता संतुलन
सीमान्त प्रतिस्थापन दर
y वस्तु की हानि / x वस्तु का लाभ
माँग
बाज़ार माँग
कीमत के एक निश्चित स्तर पर किसी बाजार में सभी उपभोक्ताओं द्वारा वस्तु की खरीदी गई मात्राओं का योग 'बाज़ार माँग' कहलाता है।
व्यक्तिगत माँग के निर्धारक तत्व
० संबंधित वस्तुओं की कीमत
० उपभोक्ता की आय
० उपभोक्ता की रूचि तथा प्राथमिकता
० भविष्य में कीमत परिवर्तन की सम्भावना
बाज़ार माँग के निर्धारक तत्व
माँग फलन
Pn = F(Px, Py, Y, T, O)
Pn = वस्तु x की माँग की जाने वाली मात्रा
Pn = वस्तु x की कीमत,
P, = संबंधित वस्तुओं की कीमत
y = उपभोक्ता की आय
T = उपभोक्ता की रूचि और प्राथमिकता,
0 = अन्य
माँग का नियम
माँग अनुसूची
माँग वक्र
माँग वक्र एवं उसका ढाल
माँग वक्र का ढाल =PQ
माँग वक्र का ढलान ऋणात्मक होने के कारण
माँग के नियम के अपवाद
माँग में परिवर्तन
कीमत के समान रहने पर किसी अन्य कारक में परिवर्तन होने से जब वस्तु की माँग घट या बढ़ जाती है।
माँग मात्रा में परिवर्तन
माँग वक्र पर संचलन तथा माँग वक्र में खिसकाव
माँग की लोच
माँग की कीमत लोच
माँग की कीमत लोच के प्रकार
माँग की कीमत लोच को प्रभावित करने वाले कारक
NCERT SOLUTIONS
प्रश्न (पृष्ठ संख्या 38 - 40)
प्रश्न 1 उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं?’
उत्तर – बजट सेंट दो वस्तुओं के उन सभी बंडलों का संग्रह हैं जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाज़ार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।
प्रश्न 2 बजट रेखा क्या हैं?
उत्तर – बजट रेखा उन सभी बंडलों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन पर उपभोक्ता की संपूर्ण आय व्यय हो जाती है।
प्रश्न 3 बजट रेखा की प्रवणता (ढलान)नीचे की ओर क्यों होती हैं? समझाइए।
उत्तर – बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर की ओर होती है, क्योंकि बजट रेखा पर स्थित प्रत्येक बिंदु एक ऐसे बंडल को दर्शाता है जिस पर उपभोक्ता की पूरी आय व्यय हो जाती हैं ऐसे में यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की 1 इकाई अधिक लेना चाहता हैं,तब वह ऐसा तभी कर सकता है जब वह दूसरी वस्तु की कुछ मात्रा छोड़ दे। वस्तु 1 की मात्रा कम किये बिना वह वस्तु 2 की मात्रा बढ़ा नहीं सकता। वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई पाने के लिए उसे वस्तु 2 की कितनी इकाई छोड़नी होगी यह दो वस्तुओं की कीमत पर निर्भर करेगा।
प्रश्न 4 एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमशः ३ तथा 5 ₹ हैं। उपभोक्ता की आय 20₹ हैं-
उत्तर –
i. बजट रेखा समीकरण PrQx + P, Q,y,4Qx + 5Qy >20
ii. यदि वह संपूर्ण आय वस्तु 1 पद व्यय कर दे तो Qy - 0, इसे बजट समीकरण में डालने पर
4Qx + 4(0) - 20, 4Qx - 20
iii. यदि वह अपनी संपूर्ण आय वस्तु y पर व्यय कर दे तो Qx = 0
इसे बजट समीकरण में डालने पर
प्रश्न 5 यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 ₹ हो जाती है, परन्तु कीमत अपरिवर्तित रहती हैं तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर – बजट रेखा 4Q - 5Qy ,<40
प्रश्न 6 यदि वस्तु 2 की कीमत में 1 ₹ की गिरावट आ जाए परन्तु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन न हो तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?
उत्तर –
प्रश्न 7 यदि कीमतें और उपभोक्ता की आय दोनों दुगुनी हो जाए तो बजट सेट कैसा होगा?
उत्तर –
प्रश्न 8 मान लीजिए कि कोई उपभोक्ता अपनी पूरी आय का व्यय करके वस्तु 1 की 6 इकाइयाँ तथा वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकता है। दोनों वस्तुओं की कीमतें क्रमशः 6 ₹ तथा 8 ₹ हैं। उपभोक्ता की आय कितनी है?
उत्तर – बजट रेखा समीकरण = P
Qx + P Qy = y
Px = 6, Qx = 6, Py = 8, Qy = 8
इसे समीकरण में डालने पर (6x6) + (8x8) = y
36+ 64 = y, 100 = y
अतः उपभोक्ता की आय 100 ₹ हैं।
प्रश्न 9 मान लीजिए, उपभोक्ता दो ऐसी वस्तुओं का उपभोग करना चाहता है, जो केवल पूर्णांक इकाइयों में उपलब्ध हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत 10 ₹ के बराबर है तथा उपभोक्ता की आय 40₹ है।
उत्तर –
अतः सभी बडल जो वह खरीद सकता हैं
(0,0), (0,1), (0,2), (0, 3), (0, 4)
(1,0), (1,1), (1,2) (1,3)
(2,0), (2,1), (2,2)
(3,0), (3,1)
(4,0)
ii. ऐसे बंडल जिन पर पूरे 40 ₹ व्यय हो जायेंगे- (0, 4), (1, 3), (2. 2), (3, 1), (4,0)
प्रश्न 10 'एकदिष्ट अधिमान' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – एकदिष्ट अधिमान का अर्थ है कि उपभोक्ता एक वस्तु की कम मात्रा की तुलना में अधिक मात्रा को सदा अधिक पसंद करता हैं। इसका अर्थ हैं कि अनाधिमान वक्र की प्रवणता नीचे की ओर हैं। यदि उपभोक्ता के एकदिष्ट अधिमान है तो वह संयोजन (4, 5) से अधिक संयोजन (5, 5) या (4, 6) की करेंगा।
प्रश्न 11 यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8,6) के बीच तटस्थ हो सकता हैं?
उत्तर – नहीं यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो वह बंडल (10, 8) को (8, 6) से अधिक प्राथमिकता देगा।
प्रश्न 12 मान लीजिए कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10), (10, 9) तथा (9, 9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं?
उत्तर – वह (10, 10) को (10, 9) से अधिक तथा (10, 9) को (9, 9) से अधिक प्राथमिकता देगा यानि U(10,10) >
U(10,9) > U(9,9)
प्रश्न 13 मान लीजिए कि आपका मित्र, बंडल (5, 6) तथा (6, 6) के बीच तटस्थ हैं। क्या आपके मित्र के अधिमान एकदिष्ट हैं?
उत्तर – नहीं, यदि उसके अधिमान एकदिष्ट होते तो वह (6, 6) को (5, 6) से अधिक प्राथमिकता देता।
प्रश्न 14 मान लीजिए कि बाज़ार में एक ही वस्तु के लिए दो उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन इस प्रकार हैं-
उत्तर –
बाज़ार माँग फलन = d1(P) + d2(P)
dM(P) = 20 - P + 30-2P = 50 - 3P
किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 10 से कम या बराबर हो।
dm(P) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 5 से अधिक हो।
प्रश्न 15 मान लीजिए, वस्तु के लिए 20 उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन एक जैसे हैं-
di(p) = 10 - 3p किसी ऐसी कीमत के लिए जो 19 से कम हो अथवा बराबर हो तथा d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत पर 10/3 से अधिक है।
बाज़ार फलन क्या हैं?
उत्तर – बाज़ार फलन = d1(P) X 20
dM(P) = (10-3P) X 20
dM(P) = 200 - 60P
किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 10/3 से कम हो अथवा बराबर हो तथा dm(P) = 0 किसी ऐसी कीमत पर जो 10/3 से अधिक हो।
प्रश्न 16 एक ऐसे बाज़ार को लीजिए, जहाँ केवल दो उपभोक्ता हैं तथा मान लीजिए वस्तु के लिए उनकी माँगें इस प्रकार हैं-
p | d1 | d2 |
---|---|---|
1 2 3 4 5 6
| 9 8 7 6 5 4 | 24 20 18 16 14 20 |
वस्तु के लिए बाज़ार माँग की गणना कीजिए।
उत्तर – बाज़ार माँग
प्रश्न 17 सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – जिस वस्तु का आय के साथ धनात्मक संबंध हो अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती हो तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती हो तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग कम होती हो वह सामान्य वस्तु कहलाती है।
प्रश्न 18 निम्नस्तरीय वस्तु या गिफ्फिन वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर – ऐसी वस्तु जिसका आय के साथ ऋणात्मक संबंध होता हैं अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग कम होती है तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है, वह निम्नस्तरीय वस्तु कहलाती है। कोई भी वस्तु निम्नस्तरीय है या सामान्य यह उपभोक्ता की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। जो वस्तु एक उपभोक्ता के लिए सामान्य है वह किसी अन्य के लिए निम्नस्तरीय हो सकती है फिर भी साधारणतः जो वस्तुएँ निम्नस्तरीय वस्तु की श्रेणी में आती हैं उनके उदाहरण हैं-ज्वार, बाजरा, साप्ताहिक बाज़ारों में बिकने वाला माल, टोन्ड दूध आदि।
प्रश्न 19 स्थानापन्न वस्तु को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।
उत्तर – वे वस्तुएँ जो एक मानव इच्छा की पूर्ति के लिए एक दूसरे के स्थान पर उपयोग में आ सकती हैं वे प्रतिस्थापन्न वस्तुएँ कहलाती हैं उदाहरण-चाय और कॉफी, नोकिया और सैमसंग के मोबाइल, वोडाफान और एयरटेल का कनैक्शन आदि।
प्रश्न 20 पूरकों को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर – वे वस्तुएँ जो किसी मानव इच्छा की पूर्ति के लिए एक साथ प्रयोग होते हैं पूरक वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण- कार और पेट्रोल , मोबाइल फोन और सिम, बिजली और बिजली उपकरण।
प्रश्न 21 माँग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।
उत्तर – किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से उस वस्तु को माँग की जाने वाली मात्रा के संख्यात्मक माप को माँग की कीमत लोच कहा जाता है। अन्य शब्दों में माँग की कीमत लोच वस्तु की माँग की गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन और वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात है।
प्रश्न 22 एक वस्तु की माँग पर विचार करें। 4 ₹ की कीमत पर इस वस्तु की 25 इकाइयों की माँग है। मान लीजिए वस्तु की कीमत बढ़कर 5 ₹ हो जाती है तथा परिणामस्वरूप वस्तु की माँग घटकर 20 इकाइयाँ हो जाती है। कीमत लोच की गणना कीजिए।
उत्तर –
प्रश्न 23 माँग वक्र D(p) = 10-3 p को लीजिए। कीमत है पर लोच क्या है?
उत्तर –
प्रश्न 24 मान लीजिए किसी वस्तु की मांग की कीमत लोच - 0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होती है, तो वस्तु के लिए
मांग में कितनी प्रतिशत कमी आएगी?
उत्तर –
प्रश्न 25 मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच - 0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 10% वृद्धि होती है तो उस पर होने वाला व्यय किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर – माँग की कीमत लोच इकाई से कम हैं अतः कीमत में वृद्धि होने पर वस्तु पर होने वाला व्यय बढ़ेगा।
प्रश्न 26 मान लीजिए कि किसी वस्तु की कीमत में की गिरावट होने के परिणामस्वरूप [पर होने वाले व्यय में की वृद्धि हो गई। आय माँग की लोच के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर – वस्तु की कीमत कम होने पर कुल व्यय में वृद्धि हो तो वस्तु की माँग की कम कीमत लोच इकाई से अधिक होगी, परन्तु वास्तविक मान क्या होगा यह कुल व्यय विधि द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता।